जैसलमेर के पांच सितारा होटल (Five Star Hotels in Jaisalmer)

मंगलवार, 26 दिसंबर 2017

इस यात्रा वृतांत को शुरू से पढने के लिए यहाँ क्लिक करें !


घूमने की दृष्टि से जैसलमेर बहुत बढ़िया शहर है, यहाँ आपको अपनी पसंद और बजट के हिसाब से खाने-पीने, घूमने, और रुकने के कई विकल्प मिल जायेंगे ! जहाँ एक ओर आपको रुकने के लिए सस्ते होटल, धर्मशाला और होमस्टे मिल जायेंगे वहीँ जैसलमेर और इसके आस-पास पांच सितारा होटलों और टेंटों की भी कमी नहीं है ! यही कारण है कि यहाँ हर वर्ष हज़ारों देसी-विदेशी सैलानी घूमने के लिए आते है ! यात्रा के इस लेख में मैं आपको जैसलमेर और इसके आस-पास के कुछ होटलों से सम्बंधित जानकारी ही देने वाला हूँ ! यात्रा के पिछले लेख में आप सम का भ्रमण कर चुके है, कुलधरा जाते हुए हमें रास्ते में पड़ने वाले एक पांच सितारा होटल जैसलकोट में जाने का मौका मिला था ! तो चलिए इसी होटल से शुरुआत करते है, हुआ कुछ यूं कि जब हम जैसलमेर से सम जाने वाले मार्ग को छोड़कर कुलधरा के लिए मुड़े तो कुछ दूर चलने के बाद हमें सड़क के बाईं ओर थोड़ी दूरी पर एक भव्य इमारत दिखाई दी ! दूर से देखने पर ये किसी महल जैसा लग रहा था लेकिन हमें अंदाजा हो गया था कि ये कोई होटल ही है ! शहर से दूर रेगिस्तान में ऐसी भव्य इमारत किसी का ध्यान भी अपनी ओर आकर्षित करेगी, मुख्य सड़क से एक सहायक मार्ग इस इमारत की ओर जा रहा था !

होटल जैसलकोट का एक दृश्य
ये एक पक्का मार्ग था जिसके दोनों किनारों पर थोड़ी-2 दूरी पर लाइटें लगी थी, हमने अपनी बाइक इसी मार्ग पर मोड़ दी, मुश्किल से 5 मिनट का समय लगा और हम इमारत के प्रवेश द्वार के सामने खड़े थे ! यहाँ पहुंचकर पता चला कि हमारा अंदाजा सही था ये एक पांच सितारा होटल ही था, होटल जैसलकोट ! इस पांच सितारा होटल की भव्यता देखते ही बनती है, दूर से देखने पर तो ये महल लगता ही है पास आकर इसका आकर्षण और बढ़ जाता है, ऊंची-2 दीवारें, विशाल प्रवेश द्वार और द्वार पर खड़े प्रहरी अन्दर आने-जाने वाले लोगों पर नज़र रखते है ! फिल्हाल तो हमें इस होटल में रुकना नहीं था लेकिन सोचा अगर होटल का कोई कर्मचारी अन्दर की सैर करा दे तो कभी परिवार संग आना हुआ तो यहाँ रुकने पर विचार किया जा सकता है ! मैंने प्रहरी से बात शुरू की और उसे अपने मेनेजर से बात करवाने को कहा, फ़ोन पर बात करके प्रहरी ने हमें कहा कि मेनेजर से बात हो गई है वो आपका अन्दर इन्तजार कर रहे है ! अपनी बाइक पार्किंग में खड़ी करके हम सीढ़ियों से होते हुए होटल के स्वागत कक्ष की ओर बढे जो पार्किंग से थोड़ी दूर था ! पार्किंग स्थल और स्वागत कक्ष के बीच गाड़ियों के आने-जाने के लिए एक गलियारा बना है !
जैसलमेर सम मार्ग का एक दृश्य

जैसलमेर सम मार्ग का एक दृश्य

जैसलमेर सम मार्ग के किनारे लगी पवन चक्कियां

जैसलमेर सम मार्ग का एक दृश्य

होटल जैसलकोट जाते हुए रास्ते में लिया एक दृश्य

सड़क से दिखाई देता होटल जैसलकोट
गलियारे के उस पार भी कुछ सीढियाँ है जिनसे होकर ही स्वागत कक्ष में जाया जाता है, इन सीढ़ियों के दोनों ओर चबूतरे बने है जहाँ सजावट के लिए बड़े-2 पात्रों में फूल रखे गए है ! चबूतरों पर 2 हाथी भी बने है, स्वागत कक्ष में जाने का प्रवेश द्वार तीन मंजिला है जिसके ऊपरी भाग में छतरियां बनी है ! पीले पत्थरों से बना ये होटल दूर से देखने पर सुनहरे रंग का दिखाई देता है, स्वागत कक्ष में पहुंचकर हम एक सोफे पर बैठ होटल मेनेजर की प्रतीक्षा करने लगे जो अभी किसी काम में व्यस्त थे ! कुछ देर बाद हमारी मुलाकात हुई, बातचीत से ही मुझे अंदाजा हो गया कि उनका व्यक्तित्व काफी मिलनसार था ! मैंने जब होटल देखने की अपनी इच्छा से उन्हें अवगत कराया तो उन्होंने बिना किसी आपत्ति के मेरे इस अनुरोध को स्वीकार करने के साथ ही अपने स्टाफ के एक कर्मचारी को हमारे साथ होटल दिखाने के लिए भी भेज दिया ! स्वागत कक्ष से निकलकर हम एक बरामदे से होते हुए होटल के भीतरी भाग में पहुँच गए ! 25 एकड़ में फैले इस होटल में 50 कमरों के अलावा एक बड़ा बैंक्वेट हाल है जो लगभग 2000 वर्ग फीट में फैला है ! होटल परिसर में 4 एकड़ में एक बड़ा बगीचा भी है जिसका प्रयोग अलग-2 आयोजनों के लिए किया जाता है !
होटल जैसलकोट के स्वागत कक्ष के बाहर का एक दृश्य

होटल जैसलकोट के अन्दर का एक दृश्य

होटल जैसलकोट के अन्दर का एक दृश्य

होटल जैसलकोट के अन्दर का एक दृश्य

होटल जैसलकोट के अन्दर का एक दृश्य

होटल जैसलकोट के अन्दर एक फव्वारा

होटल जैसलकोट का डाइनिंग हाल
होटल के कमरों को अलग-2 श्रेणियों में बांटा गया है जिनके नाम क्रमश कुंवर, रावल, महारानी और महारावल है, अपने क्रम के अनुसार ही कमरों का क्षेत्रफल बढ़ता जाता है ! जहाँ कुंवर सुइट 37 वर्ग मीटर में फैला है वहीँ रावल सुइट का क्षेत्रफल बढ़कर 47 वर्ग मीटर हो जाता है ! बरामदे से बाहर आते ही हम एक मैदान में पहुँच गए, इस मैदान के बीचों-बीच एक फव्वारा लगा है और यहाँ से चारों तरफ जाने के लिए पक्का मार्ग बना है ! इस तरफ ये मैदान चार हिस्सों में विभाजित हो जाता है, मैदान में बैठने के लिए सोफे रखे गए है ! फव्वारे के पास खड़े होकर देखने पर चारों तरफ भूमितल और प्रथम तल पर बने कमरे दिखाई देते है ! इस मैदान से निकलकर हम डाइनिंग हाल में पहुंच गए, इस हाल में पुराने डिजाईन में बनी लकड़ी की डाइनिंग टेबल है, हल्के आसमानी रंग से रंगी हाल की दीवारों पर फूल-पत्तियों की बढ़िया चित्रकारी की गई है ! जबकि छत पर लगे नीले और सफ़ेद रंग के बड़े-2 झूमर इस हाल के आकर्षण का मुख्य केंद्र है ! वैसे इस हाल का अधिकतर फर्नीचर पुराने डिजाईन का ही बना है, डाइनिंग हाल से सटा हुआ एक बार भी है, जहाँ हर किस्म की मदिरा परोसी जाती है ! हर डाइनिंग टेबल पर सजावट के लिए फूलों का गुलदस्ता भी रखा था !
डाइनिंग हाल के अन्दर लगा एक झूमर

डाइनिंग हाल का एक दृश्य

डाइनिंग हाल का एक दृश्य

होटल जैसलकोट का तरणताल

होटल जैसलकोट का तरणताल

होटल जैसलकोट का तरणताल
हम इस हाल से निकले तो घूमते हुए हम होटल के तरणताल (Swimming Pool) पर पहुँच गए, जिसका पानी एकदम साफ़ था, इतना साफ़ की नीचे की टाइल भी झलक रही थी ! इस तरणताल के दाईं ओर इस होटल का जिम है जहाँ व्यायाम के लिए आधुनिक मशीने रखी है, जबकि बाईं ओर एक बगीचा है जहाँ खान-पान के लिए टेबल रखी है ! यहाँ होटल में होने वाले आयोजनों के दौरान खान-पान की व्यवस्था की जाती है ! इसके अलावा होटल में एक स्पा भी है, आधे घंटे के भ्रमण के दौरान हमने इस होटल में मिलने वाली सारी सुख-सुविधाओं की जानकारी ले ली जो निकट भविष्य में कभी काम आएगी ! अगर आप भी कभी जैसलमेर का रुख करे और आपका मन किसी बड़े होटल में रुकने का मन करे तो जैसलकोट एक बढ़िया विकल्प है ! घूमकर वापिस होटल के स्वागत कक्ष में आकर हमने होटल के मेनेजर और होटल दिखाने वाले कर्मचारी को धन्यवाद दिया और स्मृति स्वरुप कुछ फोटो लेने के बाद वापिस पार्किंग स्थल की ओर चल दिए ! वैसे जैसलकोट के अलावा भी जैसलमेर और इसके आस-पास कई पांच सितारा होटल है और वास्तव में जैसलमेर के पांच सितारा होटलों का कोई जवाब नहीं है जितने बड़े क्षेत्रफल में ये फैले है उतने शायद ही कहीं हो !
होटल जैसलकोट का जिम

होटल जैसलकोट का जिम

होटल जैसलकोट का जिम

होटल के अन्दर का एक दृश्य

होटल के अन्दर का एक दृश्य

होटल के स्वागत कक्ष के बाहर का एक दृश्य

होटल जैसलकोट का एक दृश्य
पार्किंग से अपनी बाइक लेकर हम कुलधरा के लिए रवाना हो गए, कुलधरा के बारे में आप यहाँ क्लिक करके पढ़ सकते है ! जैसलकोट के अलावा एक अन्य होटल है जिसने जैसलमेर भ्रमण के दौरान हमारा ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया, ये है होटल मंदिर पैलेस !
होटल के अन्दर का एक दृश्य

होटल से मुख्य मार्ग तक जाने की सड़क

दूरी दर्शाता एक बोर्ड
मंदिर पैलेस

हनुमान चौराहे से जैसलमेर दुर्ग जाने वाले मार्ग पर शुरुआत में ही मंदिर पैलेस नाम का ये होटल स्थित है, होटल परिसर में बनी एक शानदार पांच-मंजिला इमारत दूर से ही दिखाई देती है ! इसे ताजिया टावर के नाम से जाना जाता है, इस टावर को बादल पैलेस में बनाया गया है और इसमें कई झरोखे है और इसके ऊपरी भाग में छतरियां भी बनी है ! वर्तमान में जैसलमेर का शाही परिवार इसी पैलेस में रहता है, इस होटल की दूरी हनुमान चौक से बहुत ज्यादा नहीं है, वर्तमान में मंदिर पैलेस के एक हिस्से को म्यूजियम का रूप दे दिया गया है जिसे आम जनता 50 रूपए का प्रवेश शुल्क अदा करके देख सकती है जबकि पैलेस के दूसरे भाग में शाही परिवार रहता है ! इस पैलेस को बॉलीवुड की एक फिल्म में भी दर्शाया गया था, आपको याद हो तो आमिर खान की एक फिल्म आई थी सरफ़रोश ! इस फिल्म में मंदिर पैलेस को ही मिर्ची सेठ की हवेली के रूप में दिखाया गया था ! याद आया कुछ ? जी हाँ, राजस्थान के शहर अपनी सुन्दरता के लिए देश-विदेश में ऐसे ही प्रसिद्द नहीं है, यहाँ के रजवाड़ों और खूबसूरत इमारतों का आकर्षण ही ऐसा है कि पर्यटकों के अलावा फिल्म जगत के लोग भी इनकी ओर खींचे चले आते है !
होटल मंदिर पैलेस का एक दृश्य

होटल मंदिर पैलेस का प्रवेश द्वार

होटल मंदिर पैलेस का एक दृश्य
जैसलमेर भ्रमण के लिए मैप
यहाँ रुकने के लिए आपको 6-7 हज़ार रूपए प्रतिदिन का किराया देना होगा, शहर के बीचों-बीच स्थित ये होटल भी काफी शानदार है ! मंदिर पैलेस के पास खान-पान की काफी दुकानें है, तो अगर आप घूमते-2 थक जाएँ तो कुछ देर रूककर यहाँ के स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद भी ले सकते है ! जैसलमेर भ्रमण के दौरान हम जहाँ रुके थे वो स्थान इस पैलेस से मुश्किल से 5 मिनट की दूरी पर था और जैसलमेर दुर्ग जाने के लिए हम हर बार इसी पैलेस परिसर से होकर गुजरे ! चलिए, इस लेख में फिल्हाल इतना ही, जल्द ही जैसलमेर यात्रा के अंतिम लेख में आपसे मुलाकात होगी !

क्यों जाएँ (Why to go Jaisalmer): अगर आपको ऐतिहासिक इमारतें और किले देखना अच्छा लगता है, भारत में रहकर रेगिस्तान घूमना चाहते है तो निश्चित तौर पर राजस्थान में जैसलमेर का रुख कर सकते है !

कब जाएँ (Best time to go Jaisalmer): जैसलमेर जाने के लिए नवम्बर से फरवरी का महीना सबसे उत्तम है इस समय उत्तर भारत में तो कड़ाके की ठण्ड और बर्फ़बारी हो रही होती है लेकिन राजस्थान का मौसम बढ़िया रहता है ! इसलिए अधिकतर सैलानी राजस्थान का ही रुख करते है, गर्मी के मौसम में तो यहाँ बुरा हाल रहता है !

कैसे जाएँ (How to reach Jaisalmer): जैसलमेर देश के अलग-2 शहरों से रेल और सड़क मार्ग से जुड़ा है, देश की राजधानी दिल्ली से इसकी दूरी लगभग 980 किलोमीटर है जिसे आप ट्रेन से आसानी से तय कर सकते है ! दिल्ली से जैसलमेर के लिए कई ट्रेनें चलती है और इस दूरी को तय करने में लगभग 18 घंटे का समय लगता है ! अगर आप सड़क मार्ग से आना चाहे तो ये दूरी घटकर 815 किलोमीटर रह जाती है, सड़क मार्ग से भी देश के अलग-2 शहरों से बसें चलती है, आप निजी गाडी से भी जैसलमेर जा सकते है !


कहाँ रुके (Where to stay near Jaisalmer): जैसलमेर में रुकने के लिए कई विकल्प है, यहाँ 1000 रूपए से शुरू होकर 10000 रूपए तक के होटल आपको मिल जायेंगे ! आप अपनी सुविधा अनुसार होटल चुन सकते है ! खाने-पीने की सुविधा भी हर होटल में मिल जाती है, आप अपने स्वादानुसार भोजन ले सकते है !


क्या देखें (Places to see near Jaisalmer): जैसलमेर में देखने के लिए बहुत जगहें है जिसमें जैसलमेर का प्रसिद्द सोनार किला, पटवों की हवेली, सलीम सिंह की हवेली, नाथमल की हवेली, बड़ा बाग, गदीसर झील, जैन मंदिर, कुलधरा गाँव, सम, और khaabha साबा फोर्ट प्रमुख है ! इनमें से अधिकतर जगहें मुख्य शहर में ही है केवल कुलधरा, खाभा फोर्ट, और सम शहर से थोडा दूरी पर है ! जैसलमेर का सदर बाज़ार यहाँ के मुख्य बाजारों में से एक है, जहाँ से आप अपने साथ ले जाने के लिए राजस्थानी परिधान, और सजावट का सामान खरीद सकते है !

अगले भाग में जारी...


जैसलमेर यात्रा

  1. जोधपुर से जैसलमेर की ट्रेन यात्रा (A Journey from Jodhpur to Jaisalmer)
  2. जैसलमेर के सोनार किले की सैर (A Visit to Jaisalmer Fort)
  3. जैसलमेर की शानदार हवेलियाँ (Beautiful Haveli’s of Jaisalmer)
  4. जैसलमेर की गदीसर झील (Gadisar Lake of Jaisalmer)
  5. जैसलमेर का बड़ा बाग (Bada Bagh of Jaisalmer)
  6. लोद्रवा के जैन मंदिर (Jain Temples of Lodruva)
  7. लोद्रवा का चुंधी-गणेश मंदिर (Chundhi Ganesh Temple of Lodruva)
  8. कुलधरा – एक शापित गाँव (Kuldhara – A Haunted Village)
  9. खाभा फोर्ट – पालीवालों की नगरी (Khabha Fort of Jaisalmer)
  10. खाभा रिसोर्ट और सम में रेत के टीले (Khabha Resort and Sam Sand Dunes)
  11. जैसलमेर के पांच सितारा होटल (Five Star Hotels in Jaisalmer)
  12. जैसलमेर दुर्ग के मंदिर और अन्य दर्शनीय स्थल (Local Sight Seen in Jaisalmer)
Pradeep Chauhan

घूमने का शौक आख़िर किसे नहीं होता, अक्सर लोग छुट्टियाँ मिलते ही कहीं ना कहीं घूमने जाने का विचार बनाने लगते है ! पर कुछ लोग समय के अभाव में तो कुछ लोग जानकारी के अभाव में बहुत सी अनछूई जगहें देखने से वंचित रह जाते है ! एक बार घूमते हुए ऐसे ही मन में विचार आया कि क्यूँ ना मैं अपने यात्रा अनुभव लोगों से साझा करूँ ! बस उसी दिन से अपने यात्रा विवरण को शब्दों के माध्यम से सहेजने में लगा हूँ ! घूमने जाने की इच्छा तो हमेशा रहती है, इसलिए अपनी व्यस्त ज़िंदगी से जैसे भी बन पड़ता है थोड़ा समय निकाल कर कहीं घूमने चला जाता हूँ ! फिलहाल मैं गुड़गाँव में एक निजी कंपनी में कार्यरत हूँ !

2 Comments

  1. खूबसूरत तस्वीरों से भरी एक शानदार पोस्ट .

    ReplyDelete
Previous Post Next Post